प्रकल्प

मनेन्द्रगढ़ विकासखंड में प्रसिद्ध कोयला खदान चिरमिरी के पास ग्राम सरभोका में ग्राम पटेल श्री सोनसाय से दान में प्राप्त ५ एकड़ भूमि पर यह प्रकल्प प्रारंभ किया गया है । जिसका भूमिपूजन मा. रोशनलाल जी सक्सेना द्वारा सम्पन्न हुआ । कोरिया जिले के सरस्वती शिशु मंदिरों एवं संस्थान के सहयोग से ५ कमरों के विद्यालय भवन का लोकार्पण ८ अगस्त १९९८ को मा. ब्रह्मदेव जी शर्मा (भाई जी) द्वारा किया गया । छात्रावास का प्रारंभ गणेश चतुर्थी को ५ ग्रामों के १० भैय्याओं से किया गया ।वर्तमान में तीन विकासखंड के १२ ग्रामों से ४० छात्रावासी भैय्या एवं १२३ गैर छात्रावासी भैय्या - बहिन अध्ययनरत हैं । यहां भी सरस्वती महिला प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र का संचालन किया जा रहा है । इसमें सिलाई, कढ़ाई एवं अगरबत्ती निर्माण का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है । एस. ई. सी. एल. चिरमिरी द्वारा छात्रवास के लिए प्रशासनिक भवन एवं चार दीवारी का निर्माण कराया गया है ।
सरगुजा संभाग के कुसमी तहसील अंतर्गत शंकरगढ़ विकासखंड के ग्राम डीपाडीहकला में कार्य का शुभारंभ १९९४ में ग्रामीण विद्यालय द्वारा किया गया । इस विद्यालय में ग्राम डीपाडीहकला के स्व. बाबा चन्द्रभूषण गिरी जी का सतत् आना - जाना लगा रहता था । जिससे प्रभावित होकर उनहोंने ८ एकड़ भूमि आश्रम एवं शिवालय स्वयं के व्यय से संस्थान के नाम पंजीकरण कराकर दान में दिया ।

उद्देश्य की पूर्ति हेतु गीदम विकासखंड के ग्राम हीरानार में २० एकड़ भूमि सरस्वती शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा क्रय की गई जिसका भूमि पूजन १९९७ में सम्पन्न हुआ । छात्रावास एवं भवन का लोकार्पण ०९ जुलाई १९९८ में गुरुपूर्णिमा से कक्षा षष्ठ के २८ भैयाओं से प्रारंभ किया गया । वर्तमान में ३ जिलों से १५ विकासखंडों के ६० ग्रामों से १२० छात्रावासी एवं ५० गैर छात्रावासी भैयाओं को, ६ पुरुष एवं ०१ महिला आचार्यों द्वारा शिक्षा एवं संस्कार दिया जा रहा है । गत सत्र २००१ माह जुलाई में १०० भैयाओं का व्यक्तित्व विकास शिविर सूर्य फाऊंडेशन नई दिल्ली के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ । जिसमें से चयनित ७ छात्रों को २० दिवसीय व्यक्तित्व विकास शिविर, साधना स्थली झिंझोली भेजा गया । इस वर्ष कक्ष अष्टम का परीक्षाफल शत-प्रतिशत रहा । इस सत्र से इस विद्यालय में कक्षा दशम भी प्रारंभ हो गई है । गत चार वर्षों की उपलब्धि यह है कि कक्षा दशम के भैयाओं द्वारा, अन्य भैयाओं के सहयोग से छात्रावास कि संपूर्ण व्यवस्था का सञ्चालन किया जा रहा है ।